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Bounce Rate kya hota hai

Bounce Rate   क्या है ?
हैल्लो दोस्तों, आज मैं Bounce Rate   क्या होता है उसके बारे में बताने जा रहा हूँ। ब्लॉग बनाने का मकसद चाहे जो कुछ  पर हर एक सीरियस bloggers यही चाहता है की उसके ब्लॉग पर बहुत सारे विजिटर्स आएं, उसके लिखे हर ब्लॉग को ध्यान से पढ़ें,और ज्यादा से ज्यादा देर तक रुके रहें। 
यदि आप नई ब्लॉगर हैं और आप भी चाहतें हैं की विजिटर्स आपके ब्लॉग/वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा देर तक रुके तो समझ लीजिए की आपके ब्लॉग/वेबसाइट के बाउंस रेट को चेक करने का टाइम गया। लेकिन बाउंस रेट को reduce करने से पहले Bounce Rate को समझने की जरुरत है । तो चलिए पहले ये जान लेते हैं की Bounce Rate क्या होता है?


Bounce Rate क्या होता है?
  आपके ब्लॉग पर रोज ही नए नए विजिटर्स आतें होंगे कुछ गूगल से, सोशल मिडिया से,तो कुछ रेफेरल लिंक्स से,उनमे से कुछ ही विजिटर्स होतें है जो आपके साइट पर ज्यादा टाइम तक रुकतें हैं।

Bounce Rate उन विजिटर्स का परसेंटेज होतें हैं जो आपके ब्लॉग/वेबसाइट पर आतें तो हैं पर वो उसी समय वैगर किसी पेज को देखे लौट जातें है,मतलब की विजिटर्स आये और तुरंत लौट गएँ इसके बहुत सारे रीजन हो सकते हैं। तो बस ये अब समझ लीजिए की आपके ब्लॉग/वेबसाइट का  Bounce Rate कम ही  हो, जितना कम हो सके उतना सही है।

 Bounce रेट हाई होने के कारण
   Website की designing अच्छी ना होना
   Website की लोडिंग टाइम ज्यादा होना 
   Website रेस्पॉन्सिव ना होना 
   Content की कमी का होना  
   Interested  Content  का ना होना 

 Bounce Rate कैसे पता करें ?
Google  Analytics  गूगल का एक ऐसा  प्रोडक्ट है जिसका हम यूज़ करके हम अपनी ब्लॉग या वेबसाइट की बाउंस रेट मालूम कर सकते हैं।

  Bounce Rate कितना होना चाहिए ?
यदि आपके ब्लॉग या वेबसाइट की बाउंस रेट 35 % से ज्यादा है तो आपको सीरियस होने की जरुरत है क्यों की आपके ट्रैफिक किसी ना किसी वजह से लौट जा रहें हैं जो की बिल्कुल सही बात नहीं है।

Bounce Rate को कम करने के तरीके।
बढ़िया वेब डिजाइनिंग 
अच्छी क्वालिटी के कंटेंट 
मल्टीमीडिया का इस्तेमाल 
लोडिंग टाइम कम करें 
इंटरलिंकिंग करें 
पावरफूल विद्गेट्स
कीवर्ड्स सही चुने 
यूजर फ्रेंडली 
मोबाइल फ्रेंडली डिजाइन 
ज्यादा वर्ड्स के आर्टिकल 
पोस्ट का टाइटल सही हो 
पहला पैराग्राफ 


बढ़िया वेब डिजाइनिंग

आपके रीडर्स वेब डिजाइनर नहीं हैं पर उन्हें फिर भी उन्हें अच्छे और बुरे वेब डिजाइन का पूरा सेंस होता है इसलिए अपने ब्लॉग या वेबसाइट लुक अट्रैक्टिव बनायें जो देखने में अच्छा लगे

अच्छी क्वालिटी के कंटेंट 

ऐसा कंटेंट डालें जो विजिटर्स को पसंद आये जिसमे अच्छी इनफार्मेशन हो वो आपके विजिटर्स को बाँध कर रखे।जो विजिटर्स को चाहिए वो लिए ।

मल्टीमीडिया का इस्तेमाल 
अपने ब्लॉग या वेबसाइट को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए इमेजेज ,GIF , ऑडियो, वीडियो का इस्तेमाल करें ।

लोडिंग टाइम कम करें
इमेज और मल्टीमीडिया का  इस्तेमाल करें पर एक लिमिट में ज्यादा मल्टीमीडिया का इस्तेमाल आपके साइट के लोडिंग टाइम बढ़ सकता है ।

इंटरलिंकिंग करें 
अपने आर्टिकल में पहले वाले पोस्ट का भी लिंक डाले ताकि विजिटर्स आपके साइट पर जायद देर तक रुके रहें ।

कीवर्ड्स सही चुने 
कीवर्ड्स का सही होना बहुत जरुरी है यदि आपने अपने आर्टीकल में सही कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया है तो सही विजिटर्स आपके साइट तक पहुंचेंगें और इंटरेस्ट भी रखेंगे ।

यूजर फ्रेंडली 
यूजर फ्रेंडली का मतलब ये है की जो आपके पोस्ट का फॉर्मेट है वैसा ही होना चाहिए जिसको पढ़ने में आसानी हो। साइट की मेनू हो क्लियर हो जैसे को कोई साइट के विजटर को साइट में कही जाना हो तो आसानी से जा सके ।

मोबाइल फ्रेंडली डिजाइन
मोबाइल फ्रेंडली डिजाइन  का मतलब वेबसाइट रेस्पॉन्सिव होना चाहिए यानि की उसकी usability हर डिवाइस और ब्राउज़र पर के लिए होनी चाहिए जब से स्मार्टफोन आया है ज्यादातर यूजर साइट को मोबाइल पर ही ब्राउज कर लेतें हैं बजाये कंप्यूटर या लैपटॉप के तो इस लिए आपका साइट मोबाइल फ्रेंडली डिजाइन होना चाहिए ।

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ज्यादा वर्ड्स के आर्टिकल 
लम्बा पोस्ट लिखे पर ध्यान रहे की पैराग्राफ छोटा हो , ज्यादा बड़ा पोस्ट पढ़ना किसी को पसंद नहीं होता है । आपका आर्टिकल ज्यादा से ज्यादा 500  से 600 होना चाहिए ।

पोस्ट का टाइटल सही हो 
पोस्ट का टाइटल अच्छा लिखें और ऐसा लिखें जिसको पढ़ कर समझा जा सके की इस पोस्ट में क्या है। बहुत से लोग क्या करते हौं की पोस्ट का टाइटल  कुछ और है और आर्टिकल कुछ और रीडर्स उसी समय लौट जातें है । जो की SEO की नजर से बहुत ही गलत है ।

पहला पैराग्राफ 
जब भी आर्टिकल लिखे उसमे जितना जल्दी हो सके क्लियर करने की कोसिस करे की आप उस आर्टिकल में क्या बताने जा रहें हैं। और वह आपके साइट पर बन रहेगा ।

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